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लेखनी प्रतियोगिता -24-Feb-2022

मेहंदी की महक
विधा कविता

नारी का श्रृंगार मेहंदी चार चांद चमका देती 
हिना में गुण आकर्षण पिया मन लुभा लेती

रचकर रंग दिखाती है सौंदर्य में निखार लाती है 
दुल्हन के हाथों का सौंदर्य मनभावन सजाती है

मेहंदी की मोहक महक मदमस्त हो मधुमास 
प्यार के मोती बरसते उमंगे छू लेती आकाश

मन को शीतलता देती खुशियों का लगे अंबार 
सद्भाव प्रेम आनंद का जन मन करती संसार

महावर रचा हाथों में गौरी कर सोलह श्रंगार 
कामिनी हिना संग हर्ष भरे उर उमड़ता प्यार

हर्षकारक रक्तगर्भा रक्तरंगा मेहंदी मनभावन 
मनोरंजक रंजक हृदय प्रीत भरा लगता सावन

त्यौहार उत्सव उमंग खुशियों की हर बेला प्यारी
शादी विवाह धूमधाम से हिना से खुशियां हमारी

मेहंदी की महक बरसती स्नेह की लेकर बरसात
बाग की कलियां खिले लबों पे हो सुहानी बात

रमाकांत सोनी नवलगढ़
जिला झुंझुनू राजस्थान

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6 Comments

Inayat

05-Mar-2022 01:37 AM

Bahutkhoob

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Arshi khan

03-Mar-2022 06:35 PM

Nice

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Abhinav ji

26-Feb-2022 08:56 AM

Very nice

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